December 16, 2025

ऐतिहासिक चेयड पम्प हाउस को विश्व धरोहर बनाने की पहल करे सरकार : राजीव वर्मा

शिमला

हमारे आस-पास कुछ ऐसे ऐतिहासिक स्थान होते हैं जिन पर समय के साथ चढ़ती धूल उनकी उपयोगिता को धुंधला कर गुमनामी की गर्त में डुबो देती है और जब इंसानी नजर इतिहास समेटे हुए ऐसे स्थान पर पड़ती है तो स्याहपन के अंधेरे से गुजरे लम्हे प्रकट होकर उस ऐतिहासिक स्थान के महत्त्व को जीवंत बना डालते हैं।

यह कहानी है शिमला जिला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र के साथ लगती कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र कुफरी के समीप चेयड गांव के कुल इष्ट “नाग देवता महाराज” के मंदिर के साथ चेयड में 111 साल पुराने “ऐतिहासिक वाटर पम्पिंग स्टेशन” की जो आज भी हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है । आज भी यहां से शिमला तक पानी पहुंचता है । एक सदी के बाद आज ये ऐतिहासिक पंप स्टेशन मानो खुद के सहेजने की बाट जोह रहा है ।

कांग्रेस सोशल मीडिया के युवा नेता राजीव वर्मा जब भी यहां से गुजरते तो न जाने क्यों खुद को बार-बार इस ऐतिहासिक स्थान की ओर खिंचा-खिंचा सा महसूस करते । राजीव वर्मा के अनुसार कई बार प्रयास किया लेकिन अब-जब उन्हें इस ऐतिहासिक स्थान की पूरी जानकारी प्राप्त हुई तो इस स्थान के उत्थान के लिए उनका दिल तड़प उठा और उन्होंने यह जानकारी मीडिया के साथ साझा की।

अंग्रेजों द्वारा चेयड में वर्ष 1912 में शिमला शहर को पानी सप्लाई करने के लिए पम्प हाउस का निर्माण किया गया था। यहां पर लगभग सारी चीजें अंग्रेज़ो के जमाने की है । कहा जाता है कि उस वक्त का टेलीफोन पुरे तहसील ठियोग में केवल यहीं पर था । यहां एक सफ़ेदा का पेड़ भी लगभग 150 साल पुराना है । इसके साथ-साथ उस समय की एक घंटी और आज के आधुनिक युग में भी चेयड़ में पानी को पम्प करने की मशीन वर्ष 1912 की ही है । लेकिन अब वो काम नहीं करती।

कांग्रेस सोशल मीडिया के युवा नेता राजीव वर्मा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पंचायतीराज मंत्री व कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिरुद्ध सिंह राणा से गुहार लगाते हुए कहते हैं कि हमारी मौजूदा सरकार को चाहिए कि इस पम्प हाउस को विश्व धरोहर बनाने के लिए पहल करे । राजीव वर्मा के साथ-साथ स्थानीय निवासी भी गुहार लगाते हुए कहते हैं कि प्रदेश सरकार इस ओर अवश्य ध्यान दे और इसकी खस्ता हालत को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए । ताकि जल के उपयोग के साथ-साथ समय की गर्त में डूबा ये स्थान पर्यटन की दृष्टि से भी उभर सके ।