December 12, 2024

I.P.H विभाग में आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने की मांग पर सीटू का रोष प्रदर्शन

शिमला

आई एंड पी.एच वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के जलशक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय टूटीकंडी शिमला पर मजदूरों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में जलशक्ति विभाग,सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट,गुम्मा वाटर सप्लाई व शिमला जल प्रबंधन निगम के आउटसोर्स कर्मियों ने भाग लिया। यूनियन ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आउटसोर्स कर्मियों को नियमित न किया गया,उनके लिए नीति न बनाई,न्यूनतम वेतन सुनिश्चित न किया तथा उनसे आठ घण्टे से ज़्यादा कार्य लेना बंद न किया गया तो आंदोलन तेज होगा।प्रदर्शन के दौरान यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में मुख्य अभियंता से मिला व उन्हें बारह सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा। मुख्य अभियंता ने इन मांगों का तुरन्त समाधान करने का आश्वासन दिया।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,यूनियन अध्यक्ष सुरेंद्र गौतम,महासचिव नरेश कुमार,कोषाध्यक्ष रमेश चंद,एसटीपी यूनियन अध्यक्ष मदन लाल,महासचिव दलीप कुमार,गुम्मा वाटर सप्लाई यूनियन अध्यक्ष नीरज कुमार,महासचिव गिरधारी लाल,शिमला जल प्रबंधन निगम वर्करज़ यूनियन अध्यक्ष विनोद कुमार व महासचिव उर्मिला कश्यप ने कहा है कि जलशक्ति विभाग में श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रही हैं। मजदूरों को चार महीने बाद आधा-अधूरा वेतन दिया जा रहा है। इसलिए मजदूरों को हर महीने सात तारीख से पहले वेतन दिया जाए। मजदूरों से आठ से बारह घण्टे कार्य लिया जा रहा है व बेहद कम वेतन दिया जा रहा है। उन्हें हिमाचल प्रदेश सरकार के शेडयूल ऑफ एम्प्लॉयमेंट अनुसार घोषित मासिक वेतन दिया जाए। जलशक्ति विभाग द्वारा की जा नियमित नियुक्तियों में पहले से कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को प्राथमिकता दी जाए। मजदूरों को साप्ताहिक अवकाश तक नहीं दिया जा रहा है। उन्हें साप्ताहिक अवकाश सहित अर्जित,आकस्मिक,राष्ट्रीय,त्योहार व मेडिकल लीव आदि सभी प्रकार की छुट्टियां दी जाएं। ठेकेदार अथवा आउटसोर्स कम्पनी बदलने पर मजदूरों को नौकरी से न निकाला जाए व उनकी सेवाएं पूर्ववत जारी रखी जाएं। उन्होंने सिरमौर जिला में ठेकेदार बदलने पर नौकरी से निकाले गए मजदूरों को बहाल करने की मांग की है। उन्होंने मजदूरों से आठ घण्टे से ज़्यादा कार्य न लेने की मांग की है व ओवरटाइम कार्य करने पर डबल ओवरटाइम वेतन की मांग की है।

उन्होंने मांग की है कि मजदूरों से अपनी श्रेणी के सनुसार कार्य करवाया जाए अन्यथा जिस श्रेणी का कार्य मजदूर कर रहे हैं,उन्हें उसी पद पर नियुक्ति दी जाए व उसके अनुसार वेतन दिया जाए। उन्हें कम से कम नौ हजार रुपये वेतन दिया जाए। उन्होंने हैरानी जताई कि इन मजदूरों को केवल तीन हज़ार से लेकर तीन हज़ार पांच सौ रुपये तक कैश इन हैंड दिया जा रहा है। उन्होंने एसटीपी के सीवरमैन व अन्य मजदूरों के वेतन में तुरन्त बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने एसजेपीएनएल में कमीशन प्रणाली बन्द करके मजदूरों को न्यूनतम मासिक वेतन देने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि जलशक्ति विभाग में मजदूरों से अपनी स्कीम के अलावा अन्य कार्य न करवाया जाए। चौकीदार से फील्ड कार्य व बेलदार से पम्प ऑपरेटर का कार्य न करवाया जाए। छोटी से छोटी स्कीम में भी कम से कम तीन कर्मियों को नियुक्त किया जाए। मजदूरों के जून 2021 के बाद के वेतन का तुरन्त भुगतान किया जाए। मजदूरों के लिए ईपीएफ सुविधा सख्ती से लागू की जाए व इसका पिछले सारे वर्षों का सारा रिकॉर्ड मजदूरों को उपलब्ध करवाया जाए। मजदूरों के लिए ईएसआई सुविधा सख्ती से लागू की जाए व उनके परिवार के ब्यौरे सहित ईएसआई कार्ड बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि मजदूरों से काटी जाने वाली ईपीएफ व ईएसआई की लगभग सात सौ रुपये की राशि के बजाए ठेकेदार व आउटसोर्स कम्पनियां दो हज़ार से लेकर पच्चीस सौ रुपये तक काट कर भारी घपलेबाजी कर रही हैं परन्तु जलशक्ति विभाग के आलाधिकारी व प्रदेश सरकार मौन है।प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,राज्य सचिव रमाकांत मिश्रा,जिला सचिव बालक राम,सीटू नेता संदीप वर्मा दिशु,यूनियन अध्यक्ष सुरेंद्र गौतम,महासचिव नरेश कुमार,कोषाध्यक्ष रमेश चंद,एसटीपी यूनियन अध्यक्ष मदन लाल,महासचिव दलीप कुमार,गुम्मा वाटर सप्लाई यूनियन अध्यक्ष नीरज कुमार,महासचिव गिरधारी लाल,शिमला जल प्रबंधन निगम वर्करज़ यूनियन अध्यक्ष विनोद कुमार व महासचिव उर्मिला कश्यप,अंकुश कुमार,धनेश कुमार,रोशन लाल,दिनेश आज़ाद,राजेश कुमार,जगत सिंह,रमन शर्मा,नितीश कुमार,दिला राम,राकेश कुमार,निशांत कुमार आदि मौजूद रहे।