हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव में 200 करोड़ रुपये के पांच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित
कांगड़ा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू आज ज़िला कांगड़ा के पालमपुर में आयोजित उत्तर भारत के पहले हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव के समापन समारोह में चंडीगढ़ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े। उन्होंने लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी संचालित प्रशासन को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक किसानों, बागवानों को लाभान्वित करने के साथ-साथ कानून व्यवस्था की निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रशासन को और बेहतर बनाने के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस) जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाकर प्रदेश तकनीकी क्षेत्र में परिर्वतनकारी बदलावों की राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग के महत्व को देखते हुए हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव राज्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
प्रौद्योगिकी के महत्व पर बल देते हुए ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर से अपने परिसर में ड्रोन प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रदर्शन इत्यादि आयोजित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रदर्शन किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के दृष्टिगत उन्हें कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकी को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आगामी छः माह में इन प्रयासों के सुपरिणाम देखने को मिलेंगे।
हिमाचल प्रदेश में ड्रोन निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इस क्षेत्र के निवेशकों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सभी बाधाओं का समाधान कर निवेशकों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार सरकारी क्षेत्र में उपयोग के लिए राज्य सरकार ड्रोन भी खरीदेगी।
इस दो दिवसीय हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री खराब मौसम के कारण व्यक्तिगत रूप से भाग नहीं ले पाए।
इस अवसर पर 200 करोड़ रुपये के पांच महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किए गए। इन एमओयू में प्रशासन में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फिक्की के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए एबेकोड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और ड्रोनटेक साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, उड़ान संचालन की निगरानी के लिए मानव रहित यातायात प्रबंधन समाधान के लिए स्काईएयर के साथ भी समझौता किया गया इसके लिए डिजिटल टेक्नोलाजीज और गवर्नेंस विभाग, सीएसकेएचपीकेवी और आईआईटी रोपड़ का सहयोग लिया जाएगा। यह सहयोग कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित डिजिटल कीट विज्ञानॉ पशुधन प्रबंधन, कोल्ड चेन प्रबंधन, इंटरनेट ऑफ थिंग्ज़ (आईओटी) और ड्रोन प्रौद्योगिकी सहित कृषि इत्यादि क्षेत्रों पर केंद्रित होगा।
मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने पालमपुर में हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के व्यापक उपयोग पर बल दिया। उन्होंने लोगों के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार इस सम्मेलन का आयोजन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से सुशासन उपलब्ध करवाने के प्रति मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि का परिचायक है। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के उपलब्ध करवाएगी।
इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने कॉन्क्लेव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कॉनक्लेव में 26 निजी कंपनियों और 25 राज्य सरकार के विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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