शिमला
सीटू ने आईजीएमसी अस्पताल में महिला सफाई कर्मी के कपड़े बदलते समय बनाए गए वीडियो पर आईजीएमसी अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवाल खड़ा किये हैं। राज्य कमेटी ने मानवाधिकार आयोग व महिला आयोग हिमाचल प्रदेश से आग्रह किया है कि वे इस मामले का स्वतः संज्ञान लेकर जिम्मेदार सफाई कर्मी के साथ ही इस पर तुरन्त हस्तक्षेप करें व इस कृत्य के लिए अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदार पर कठोर कार्रवाई करें।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,महासचिव प्रेम गौतम,शिमला जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा,जिला महासचिव अजय दुलटा,आईजीएमसी कॉन्ट्रेक्ट वर्करज़ यूनियन अध्यक्ष विरेंद्र लाल व महासचिव नोख राम ने आईजीएमसी के अंदर हुए इस प्रकरण के लिए अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदार की कार्यप्रणाली की कड़े शब्दों में आलोचना की है व उन्हें ही सारे घटनाक्रम के लिए जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी प्रबंधन व ठेकेदार के समक्ष चेंजिंग रूम की मांग आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू वर्ष 2014 से निरन्तर कई बार उठाती रही है लेकिन सात वर्ष बीतने के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदार ने चेंजिंग रूम की कोई उचित व्यवस्था नहीं की। अस्पताल के हर ब्लॉक में उचित चेंजिंग रूम व्यवस्था नहीं है। जहां चेंजिंग रूम हैं भी वहां पर उचित तरीके से इनका निर्माण नहीं किया गया है व ये केवल औपचारिकता मात्र हैं। इसमें महिला कर्मियों की खासतौर पर कोई भी सुरक्षा नहीं है। इसी कारण कपड़े बदलती महिला सफाई कर्मी की वीडियो बनाना सम्भव हुआ। कई चेंजिंग रूम में ठेकेदारों के कार्यालय भी चल रहे हैं व केवल एक चादर से ही चेंजिंग रूम का विभाजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि चेंजिंग रूम व अन्य मांगों को लेकर 26 अगस्त 2021 को दोबारा से आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदारों को मांग-पत्र दिया था जिस पर प्रबंधन व ठेकेदारों ने कोई समाधान नहीं किया जिसके फलस्वरूप यह वीडियो कांड हुआ। इन मांगों पर 15 सितंबर को श्रम विभाग ने समझौता वार्ता बुलाकर ठेकेदारों को चेंजिंग रूम की उचित व्यवस्था करने के आदेश दिए थे। अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता इस बात से भी साफ झलकती है कि इस समझौता वार्ता में प्रबंधन की ओर से कोई भी शामिल नहीं हुआ। अतः अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदारों की गलत कार्यप्रणाली के कारण ही इस तरह की घटनाक्रम हो रहे हैं। उन्होंने प्रबंधन व ठेकेदारों को चेताया कि अगर उन्होंने शीघ्र हर ब्लॉक में उचित चेंजिंग रूम व्यवस्था व अन्य मांगें पूर्ण न की तो सीटू आंदोलन का बिगुल बजा.
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