शिमला
पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे से हम सभी वाकिफ हैं और हर कोई अपने-अपने स्तर से इसे कम करने के प्रयास में लगा हुआ है। तो इसी में एक योगदान हम दे सकते हैं अपने आसपास पौधे लगाकर जो हरियाली बढ़ाने के साथ प्रदूषण को कम करने में भी बेहतर हैं । किसी भी देश का विकास तभी सार्थक माना जा सकता है जब हम वहां मौजूद प्राकृतिक संसाधनों का उचित तरीके से इस्तेमाल करें। बिना प्लानिंग और समझ के किसी काम की शुरुआत तो तब भी संभव है लेकिन बेहतर परिणाम की गुजाइंश बिल्कुल भी नहीं। दुनियाभर में बढ़ते प्रदूषण की समस्या और उससे होती तमाम तरह की बीमारियों के बारे में आए दिन हम अखबारों और टीवी के माध्यम से वाकिफ हो रहे हैं। जिसका असर बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों और गर्भवती महिलाओं हर किसी में देखने को मिल रहा है। समय रहते अगर इसे कंट्रोल न किया गया तो यह और भी भयावह रूप ले सकता है। पेड़-पौधों को नेचुरल एयर प्यूरीफायर कहा जाता है जो हवा को शुद्ध करने के साथ ही कई बीमारयां से भी बचाते हैं। ऐसे कई सारे इंडोर प्लांट्स हैं
तुलसी, रबर प्लांट, स्नेक प्लांट,मनी प्लांट जिनका इस्तेमाल महज घर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि अंदर की दूषित हवा को साफ करने के लिए भी किया जाता है। तुलसी एक नेचुरल एयर प्यूरिफायर है। यह पौधा 24 में से 20 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। तुलसी का पौधा कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड व सल्फर डाईऑक्साइड सोखता है। पेड़ भी गर्मी और वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों को कम करते हैं। वे जमीनी स्तर के ओजोन स्तर को भी कम करते हैं और हमारे चारों ओर की हवा को जीवन देने वाली ऑक्सीजन से समृद्ध करते हैं। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली विभिन्न प्रकार की श्वसन समस्याओं और अन्य बीमारियों से निपटने के लिए, कुछ चुनी हुई किस्मों के पौधे लगाने से बेहतर कोई तरीका नहीं हो सकता है जो हवा को शुद्ध कर सकते हैं और हमारे पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं। Common Ivy plant, Lady’s mantle plant, Hackberry plant,
Norway Maple plant Turkey Oak plant, Ginkgo biloba plant ग्लासगो में आयोजित ‘वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन ने सभी का ध्यान खींचा । उन्होंने अपने भाषण में हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और पूरी दुनिया को भी अहम संदेश दिया । एक तरफ उन्होंने पर्यावरण हित के लिए उठाए गए भारत के फैसलों का जिक्र किया तो वहीं उन्होंने पूरी दुनिया को भी पेरिस एग्रीमेंट की याद दिलाई l पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान One-Word Movement शुरू करने का प्रस्ताव रखा। वो एक शब्द है जीवन । पीएम ने इसका मतलब बताया लाइफस्टाइल फ़ॉर एनवायरनमेंट। अब इस मंत्र के जरिए पीएम मोदी ने पूरी दुनिया को महात्मा गांधी की बड़ी सीख याद दिला दी है । वे पर्यावरण की रक्षा तो चाहते ही हैं, इसके साथ-साथ इसे एक जन आंदोलन का रूप भी देना चाहते हैं l
आज राजधानी शिमला में नगर निगम के अंतर्गत आने वाले वार्ड 5 अनाडेल के ग्लेन नेचर पार्क में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 40 पौधे देवदार के लगाए गए । इस मुहिम में अनाडेल और कैथू के स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया और यह प्रण भी लिया की ये मुहिम केवल पौधा रोपण तक ही सीमित न रहेगी बल्कि इन पौधों की देखभाल भी की जाएगी।
प्रदूषण की वजह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2040 तक प्रदूषण मुक्त करने का प्रण लिया है । इसी कड़ी में जागरूक नागरिक होने के नाते अनाडेल और कैथू के जागरूक लोग समाज के कल्याण के उद्देश्य में अपनी सशक्त भूमिका अदा करते रहे हैं l
इस अवसर पर शिमला नगर निगम की पूर्व महापौर कुसुम सदरेट और राज्य सचिव भाजपा ने कहा क़ि अब यह निर्णय लिया गया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कृषि विभाग की मदद से वही पौधे लगाए जाएंगे जो प्रदूषण के स्तर को कम करेंगे और जो यहां के वातावरण को अनुकूल करेंगे और यहां की जनता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में यह मामला लाएगी कि राज्य स्तर पर प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कृषि विभाग की सलाह के अनुसार मिट्टी का टेस्ट और पौधे के प्रकार को कृषि विभाग “प्रदूषण फ्रेंडली प्रदूषण फ्री” पौधे लगाया जाएं जैसे आयुर्वेदिक प्राकृतिक पौधे जैसे त्रिफला आंवला इत्यादि या फिर आर्थिक संसाधन बढ़ाने वाले या फिर पशुओं को चारा देने वाले हो ताकि शहर में जंगली जानवरों का आना कम हो जाए l इस दौरान इस मुहिम में विशाल, हेम लोहमी, भूपेंद्र, किरण मेहता, शरण, संदीप शर्मा, बन्तिका, राकेश, कृष्णा शर्मा, सुनीता शर्मा मौजूद रहे।
हरा-भरा रखने के साथ प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए जरूर लगाएं ये प्लांट्स, अनाडेल व कैथू की जागरूक जनता ने “प्रदूषण फ्रेंडली प्रदूषण फ्री”पौधारोपण की छेड़ी मुहिम

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