शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के समरहिल में हुए भारी भूस्खलन के बाद चलाए गए बचाव अभियान के दौरान घटना स्थल का दौरा कर राहत व पुनर्वास कार्यों का जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री लगभग डेढ़ घंटे तक घटनास्थल पर रुके तथा राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की। उन्होंने अधिकारियों को बचाव कार्यों में और तेज़ी लाने के लिए कहा। राहत एवं बचाव कार्यों में सेना के साथ-साथ एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस एवं होम गार्ड के जवान और स्थानीय लोग शामिल हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा सावन के महीने का आखिरी सोमवार होने के चलते लोग समरहिल के शिव मंदिर में आए थे तथा एकाएक यहां भू-स्खलन हो गया जिसके कारण मलबे में कई लोगों के दबने की आंशका है। मलबे से 5 शव निकाले जा चुके हैं और लोगों को निकालने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में बादल फटने और भू-स्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार इस आपदा की घड़ी में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित परिवारों को प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पिछले माह 7 से 11 जुलाई को हुई बारिश से हुए नुकसान से नहीं उभर पाया था कि पिछले दो-तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण मुसीबते बढ़ गई हैं इस दौरान राज्य में काफी लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 48 घण्टों से जारी बारिश के कारण सोमवार प्रातः 11 बजे तक पूरे प्रदेश में 21 लोगों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है तथा यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है। क्योंकि काफी लाग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हालात पर लगातार नज़र बनाए हुए है। वह स्वयं सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ निरंतर सम्पर्क में हैं और उनसे पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियों का जल स्तर बढ़ गया है और ऐसे में प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से भी सावधान रहने की अपील करते हुए नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी।
समरहिल के बाद ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू फागली में हुए भू-स्खलन का जायज़ा लेने पहुंचे। फागली में हुए हादसे में 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि पांच लोगों को बचा लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी और आईटीबीपी के जवान और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगाए गए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों से बात की और उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक हरीश जनारथा, उपायुक्त आदित्य नेगी और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास ओक ओवर में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव भरत खेड़ा, गृह सचिव डॉ. अभिषेक जैन तथा विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा के साथ बैठक की और भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बंद हुई सड़कों को तुरंत बहाल करने के लिए बैली ब्रिज बनाए जाएं और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए।
More Stories
मुख्यमंत्री ने दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर छः नई योजनाओं का किया शुभारंभ
प्रदेश सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर बिलासपुर में भव्य समारोह आयोजित, मुख्यमंत्री ने कहा सरकार के दो वर्ष उपलब्धियों से परिपूर्ण
भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, वर्तमान सूक्खु सरकार पर लगाए “2 वर्ष के काले कारनामों का “कच्चा चिट्ठा” के नाम से आरोप