शिमला
राजधानी शिमला के मज्याठ वार्ड में एम्बुलेंस मार्ग न बनने से स्थानीय लोगों की समस्या बरकरार है। एम्बुलेंस मार्ग न होने के कारण बीमार लोगों व बुजुगों को पीठ पर कुर्सी लगाकर और मरीज को बिठाकर अस्पताल व अन्य जगहों पर ले जाना पड़ रहा है। बीते दिन भी वार्ड में एक बुजुर्ग महिला को बीमार होने पर पीठ में उठाकर ले जाना पड़ा। वार्ड में पिछले कई सालों से एम्बुलेंस मार्ग की मांग की जा रही है, लेकिन किसी भी सरकार ने वार्ड के लोगों की इस मांग को नहीं सुना। वार्ड से दो मुख्य सड़कें जुड़ती हैं। इसमें एक मार्ग टुटू-पावर हाऊस का जुड़ता है जिसमें रेलवे लाइन बीच में आती है और दूसरा सड़क नालागढ़ मार्ग का जुड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि एम्बुलेंस मार्ग बनाने की मांग पिछले कई सालों से कर रहे हैं। निवर्तमान पार्षद भी इस एम्बुलैंस मार्ग को बनाने के लिए पिछले 5 सालों से संघर्ष कर रहे हैं। केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार के शहरी विकास मंत्री से मिले, लेकिन सरकार के 5 साल बीत जाने के बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ है। सरकार के 5वें साल में केंद्र से एम्बुलैंस मार्ग बनाने का मामला हल हुआ तो अब फंड की कमी इस मार्ग बनाने को लेकर खल रही है। लोगों ने सरकार से उम्मीद जताई है कि अब वार्ड की समस्या हल होगी।
एम्बुलेंस मार्ग को लेकर हो चुके दो आंदोलन
एम्बुलैंस मार्ग बनाने को लेकर पूर्व वार्ड पार्षद दिवाकर देव शर्मा की अगुवाई में दो बड़े आंदोलन भी किए जा चुके हैं। इन रेल रोको आंदोलन में एकत्रित होकर रेल को रोका और एम्बुलैंस मार्ग बनाने की मांग की। जिसमें सरकार हरकत में तो आई. और दिल्ली तक भी बात पहुंची, लेकिन कोई एम्बुलेंस मार्ग नहीं बन पाया। उलटे रेल रोको आंदोलन पर पूर्व पार्षद दिवाकर देव शर्मा सहित दो अन्य लोगों पर एफ. आई. आर. दर्ज की गई। यह मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है।

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