शिमला
मज़दूर संगठन सीटू का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कशमीर सिंह ठाकुर के नेतृत्व में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के नव नियुक्त अध्यक्ष डॉ राकेश शर्मा और सचिव घनश्याम चन्द से पिछले कल बोर्ड कार्यालय शिमला में मिला और उन्हें 13 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा जिसमें अलग-अलग जिलों की मांगों के बारे में उन्हें अवगत करवाया गया। सीटू प्रतिनिधि मंडल ने गत वर्ष कोरोना काल लॉक डाउन अवधि के लिए मिलने वाली छह हज़ार रुपये की राशि छूट गए सभी मज़दूरों को चैक के माध्यम से जल्दी जारी करने की मांग की गई। इसके अलावा मज़दूरों के बच्चों को मिलने वाली वर्ष 2020 की लंबित शिक्षण छात्रवृत्ति जल्दी जारी करने की भी मांग की तथा अन्य सामग्री जैसे इड्क्शन हीटर, सोलर लेंप, साइकलें, कंबल, टिफ़िन सैट, वाटर फिल्टर, डिनर सैट इत्यादि लंबित सामग्री भी जल्द जारी किए जाने को लेकर मांग की। उन्होंने विवाह शादियों, चिकित्सा, प्रसूति, पेंशन इत्यादि के क्लेम जल्दी स्वीकृत करने की मांग उठाई। यूनियन ने मज़दूरों को मिलने वाली पेंशन की राशी एक हज़ार रुपये से बढ़ाकर दो हज़ार रुपये करने की मांग की गई तथा विधवा पेंशन शुरू करने की मांग की। उन्होंने महिला मज़दूरों को पूर्व में मिलने वाली वाशिंग मशीन पुनः बहाल करने तथा साईकल के बदले सिलाई मशीन देने की भी मांग उठाई। उन्होंने पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से रोज़गार प्रमाण पत्र में सुधार करने का भी सुझाव दिया गया।
सीटू राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के दो लाख से ज़्यादा लंबित क्लेमों को जल्दी तैयार करने तथा लंबित पंजीकरण कार्ड जल्दी तैयार करके जारी करने के लिए सभी जिलों में स्टाफ़ की संख्या बढ़ाने की भी मांग की जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार करते हुए अगले एक महीने में यहाँ पर स्टाफ़ लगाने की सहमति जताई।
उन्होंने पंजीकरण व अन्य कार्य कराने के लिए उपमंडल स्तर पर भी सब ऑफिस खोलने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल ने बोर्ड के अध्यक्ष से मंडी व अन्य ज़िलों के ऑफिसों का जल्दी निरीक्षण करने की भी मांग की और यहाँ पर वर्तमान में जो कमियां चल रही हैं उन्हें सुधारने के लिए जल्दी कदम उठाने की भी मांग की है।
भवन एवम सड़क निर्माण मजदूर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष भपेन्द्र सिंह ने बताया कि मंडी लेबर व बोर्ड ऑफिस में गत सात महीनों में मात्र 42 मज़दूरों के क्लेम ही शिमला भेजे गए हैं और यहां पर लगभग काम रुक गया है जबकि पूर्व में हर माह एक हज़ार के आसपास क्लेम शिमला ऑफिस जाते थे। उन्होंने इसकी जांच करने की भी मांग बोर्ड से की है। बोर्ड अध्यक्ष ने जल्दी ही कार्यवाई करने का भरोसा दिया है। उन्होंने मांग की है कि जिन मज़दूरों ने बोर्ड से मिलने वाली सामग्री सहायता के लिए इस साल मार्च से पहले आवेदन कर दिया है,उन्हें सामग्री दी जाए या कीमत की राशि उन्हें चैको के माध्यम से दी जाये। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अगर मंडी लेबर ऑफ़िस में लंबित कार्यों को अगर जल्दी पूरा नहीं किया गया तो सीटू सितंबर माह के दूसरे सप्ताह में इसके लिए लेबर ऑफिस मंडी पर धरना प्रदर्शन और घेराव करेगी।
प्रतिनिधिमंडल में सीटू राज्य महासचिव प्रेम गौतम,बोर्ड के सदस्य जगत राम,निर्माण मज़दूर फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष जोगिंदर कुमार और महासचिव भूपेंद्र सिंह भी शामिल हुये।
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