शिमला
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल की धरती पर आपदा से हुई बर्बादी का जायज़ा लेने आ रहे हैं। उनका हिमाचल की इस पावन धरती पर हार्दिक स्वागत है।
प्रधानमंत्री देश के लिए अभिभावक के समान होते हैं। हमारी सुंदर धरती आज भयंकर पीड़ा से गुज़र रही है- घर उजड़ गए हैं, अपनों को खोने का दर्द है, सड़कें, बिजली और जलशक्ति को भारी नुक़सान पहुँचा है। 2023 से अब तक हिमाचल ने बहुत गहरी चोटें सही हैं।
आज मैं प्रधानमंत्री से मिलकर अपने प्रदेशवासियों की पीड़ा उनके सामने रखूँगा। साथ ही, वनभूमि पर लोगों को बसाने के लिए वन भूमि नियमों में छूट देने का भी निवेदन करूँगा।
एक और महत्वपूर्ण प्रश्न है, जिस पर देश और प्रदेश का नेतृत्व और सभी पहाड़ी राज्य मिलकर चिंतन करें- क्या वर्तमान विकास का मॉडल हमारे पहाड़ों के लिए टिकाऊ है? जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से हम अपने पहाड़ों को कैसे बचाएँ? हम कैसे टिकाऊ विकास का ऐसा मॉडल अपनाएँ जिससे पहाड़ों, उनकी सुंदरता और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा हो सके?
आज मैं प्रधानमंत्री से निवेदन करूँगा कि इस विषय पर बिना देरी किए राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श और ठोस नीति निर्माण शुरू हो। क्योंकि हमें न केवल उजड़े हुए घरों को बसाना है, बल्कि पहाड़ों को उजड़ने से भी बचाना है : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू
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