December 15, 2025

तहबाजारियों को उजाड़ने के विरोध में सीटू ने मेयर कार्यलय पर बोला हल्ला

शिमला

रेहड़ी फड़ी तयबजारी यूनियन सम्बन्धित सीटू ने नगर निगम शिमला द्वारा तहबाजारियों को उजाड़ने, तहबाजारियों के सत्यापन व पंजीकरण के लिए आठ दस्तावेज मांगने के खिलाफ शिमला नगर निगम के महापौर कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान लगभग तीन घंटे कार्यालय का घेराव चला। महापौर की कार्यालय में अनुपस्थिति के चलते उनकी यूनियन प्रतिनिधियों से फोन पर ही बातचीत में शनिवार को मुद्दे के समाधान के लिए बैठक बुलाने के आश्वासन के बाद ही धरना उठा। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने नगर निगम शिमला प्रशासन को चेताया कि अगर तहबाजारियों को उजाड़ना बंद न किया तथा केवल आधार कार्ड पर सत्यापन व पंजीकरण न किया गया तो हर रोज मेयर कार्यालय पर मोर्चा लगेगा।

प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम, जिला सचिव विवेक कश्यप, आईजीएमसी यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल पामटा , यूनियन अध्यक्ष दर्शन लाल व उपाध्यक्ष शब्बू आलम ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014, वर्ष 2007 में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी को लागू करवाने व तहबाजारियों को उजाड़ने के विरुद्ध तहबाजारी विधानसभा व प्रदेश सरकार सचिवालय का घेराव करने से नहीं चूकेंगे। उन्होंने कहा है कि केबिनेट सब कमेटी की आड़ में तहबाजारियों से आठ तरह के दस्तावेज मांगना तहबाजारियों को तंग करने के अलावा कुछ भी नहीं है। यह पूरी तरह अव्यावहारिक निर्णय है। जब देश में ही चीज को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है तो फिर यूनिवर्सल आधार कार्ड के अलावा अन्य दस्तावेजों को मांगना पूरी तरह गैर कानूनी है।

उन्होंने मांग की है कि तहबाजारियों की समस्याओं के हल के लिए सभी नगर निकायों में टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया जाए तथा उनकी नियमित बैठकें की जाएं। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पिछले कई महीने से टीवीसी की बैठक आयोजित नहीं की गई है। स्ट्रीट वेंडर्स सर्टिफिकेट धारक तहबाजारियों को शिमला शहर के कुछ इलाकों से उजाड़ा जा रहा है परंतु उन्हें दूसरी जगह बैठने नहीं दिया जा रहा है। यह स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 का खुला उल्लंघन है। उन्होंने मांग की है कि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 को सख्ती से लागू किया जाए। तयबजारियों को कानून के विरुद्ध उजाड़ने की मुहिम को तुरन्त बन्द किया जाए। पुराने तहबाजारियों की दोबारा सर्वे करने की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए व नए तयबजारियों के नए सर्वे का कार्य तुरन्त शरू किया जाए तथा नए तयबजारियों को पंजीकृत किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगर निकाय प्रशासन पिछले काफी समय से स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। रेहड़ी फड़ी तयबजारी का कार्य करने वाले सैंकड़ों लोगों को आज भी स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के नियमानुसार सर्टिफिकेट जारी नहीं हुए हैं। नगर निकायों द्वारा नियमित तौर पर स्ट्रीट वेंडिंग सर्टिफिकेट जारी न करने के कारण उनके रोजगार पर आए दिन प्रहार हो रहा है। टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक समयानुसार नहीं हो रही है। टीवीसी बैठकों के अभाव में कानून लागू होने के दस वर्ष बाद भी कई रेहड़ी फड़ी तयबजारियों को सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पाए हैं जोकि कानूनी तौर पर उनका हक है। उन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के अनुसार गैर पंजीकृत तयबजारियों को तुरन्त सर्टिफिकेट जारी करने की मांग सरकार व प्रशासन से की है। उन्होंने तयबजारियों को उजाड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है क्योंकि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 इसकी इजाज़त नहीं देता है। उन्होंने शिमला के आईजीएमसी, लक्कड़ बाजार, लॉन्गवुड, लोअर बाजार, संजौली, समरहिल, पुराना बस स्टैंड व अन्य जगहों से तहबाजारियों को उजाड़ने की कड़ी निंदा की है व इसे कानून विरोधी कदम करार दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार, नगर निगम शिमला व विभिन्न नगर निकायों को चेताया है कि अगर तहबाजारियों की बेदखली तुरंत बंद न की गई तो आंदोलन तेज होगा।