शिमला
टूटू में ट्रैफिक जाम व बेवजह चालानों की समस्या को लेकर एएसपी शिमला,एसएचओ बालूगंज व चौकी इंचार्ज जतोग के साथ टूटू की जनता का संवाद एबी गेस्ट हाउस टूटू में सम्पन्न हुआ। इसमें टूटू के दर्जनों लोगों ने भाग लिया। जनता ने पुलिस प्रशासन से ट्रैफिक समस्या,जाम का समाधान करने व बेवजह चालान बन्द करने की मांग की। पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया कि टूटू में ट्रैफिक का उचित रेगुलेशन होगा व वाहन मालिकों को चालान आदि मसलों पर बेवजह तंग नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन ने एक सप्ताह के भीतर जनता की शिकायतों का निपटारा करने का भरोसा दिया।
इस दौरान जनता ने अनेकों सुझाव दिए। वक्ताओं ने कहा कि टूटू में वाहनों के बेवजह चालान आम बात हो गयी है। उन्होंने कहा कि 29 अगस्त को मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान टूटू में लगे जाम का खामियाजा जनता को वेबजह भुगतना पड़ा। सैंकड़ों कारों व दोपहिया वाहनों के रुपये के हज़ारों रुपये के चालान किये गए। यह तानाशाही है। उन्होंने कहा कि बालूगंज व जतोग पुलिस प्रशासन टूटू,लोअर टूटू,विजयनगर व शिवनगर के इलाकों के वाहन मालिकों को बेवजह तंग कर रहा है। टूटू में न तो कोई पार्किंग की सुविधा है और न ही कोई येलो लाइन सुविधा है। वाहन मालिकों ने गाड़ी खरीदते वक्त बाकायदा सरकार को रोड़ टैक्स का भुगतान किया है। वे हर वर्ष इंश्योरेंस नवीनीकरण के ज़रिए भी सरकार को पैसे की अदायगी करते हैं परन्तु उन्हें पार्किंग सुविधा आज भी उपलब्ध नहीं हुई है। उनके वाहनों का हर दिन चालान किये जा रहे हैं व उन्हें हज़ारों रुपये की चंपत लगाई जा रही है। इन चलानों के कारण स्थानीय व्यापारी,कारोबारी व जनता भारी परेशानी में है। टूटू कस्बा इर्द-गिर्द की दर्ज़नों पंचायतों के लोगों का केंद्र बिंदु भी है व उनका स्थानीय बाजार है। इन पंचायतों के गांवों के लोग भी जब टूटू बाजार से सामान खरीदने आते हैं तो उनकी गाड़ियों के भी चलान किये जाते हैं। टूटू के कारोबारियों के पास लोडिंग अनलोडिंग पॉइंट व स्थानीय निवासियों के पास गाड़ियों की पार्किंग का कोई स्थान नहीं है। टूटू शिमला शहर के सबसे पुराने व बड़े कस्बों में से एक है परन्तु वर्ष 2015 – 16 में पार्किंग के लिए बजट आबंटित होने के सात साल बाद भी यहां पर आज तक कोई पार्किंग नहीं बनी।
उन्होंने पुलिस प्रशासन के सामने मांग रखी कि से टूटू में कम से दो पार्किंगों का तुरन्त निर्माण करने के लिए हस्तक्षेप किया जाए। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की कि वह तुरन्त गाड़ियों के चालान करना बंद करें क्योंकि पहाड़ी इलाका होने के कारण व पार्किंग के अभाव में लोग गाड़ियां सड़क के किनारे पार्क करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि टूटू में पार्किंग व्यवस्था व येलो लाइन के अभाव में वाहन मालिक गाड़ियां सड़क किनारे खड़ी करने को मजबूर हैं। अगर वाहनों के हर दिन ऐसे ही हज़ारों रुपये के चालान होते रहेंगे तो उनके पास अपनी गाड़ियों को बेचने अथवा सड़क के बीचों बीच ही खड़ी करने के सिवाए कोई चारा नहीं बचेगा। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि आज तक टूटू में कारोबारियों के लिए लोडिंग व अनलोडिंग पॉइन्ट तक निर्धारित नहीं हो पाए हैं।

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