December 16, 2025

जिनके अपने घर शीशे के होते हैं वो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते : संजय अवस्थी

शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन अर्की विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक संजय अवस्थी ने अभिभाषण चर्चा के दौरान सदन में अपनी परिपकवक्ता की गहरी छाप छोड़ी। संजय अवस्थी ने अपने संबोधन में आंकड़ों से सुसज्जित प्रश्नों से घेरते हुए सत्ता पक्ष को सच्च का आईना दिखा डाला ।
उपलब्धियों के रूप में अभिभाषण पर चर्चा के प्रथम बिंदु कोरोना पर संजय अवस्थी ने सरकार से कोरोना महामारी के दौरान हुई मौतों का डेथ ओडिट किए जाने की मांग उठाई तो वहीं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दंभ भरने वाली सरकार के मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य लाभ के लिए दिल्ली का रुख करना पड़ा अवस्थी ने पूछा, फिर ऐसे में सरकार द्वारा प्रदेश की किन स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाती है ।
संजय अवस्थी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि हमें विकास की की बात करनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि तैहसील अर्की के दाड़लाघाट में अढ़ाई करोड़ की लागत से तैयार कम्युनिटी हेल्थ सेंटर आज तीन वर्ष बीत जाने पर भी क्यों शुरू नहीं हो पा रहा। अवस्थी ने पूछा हैल्थ सेंटरों में 50 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं ऐसे में सरकार किस वैक्सीनेशन की बात करती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश वैक्सीनेशन में प्रथम स्थान पर रहा मैं उसका पैमाना जानना चाहता हूं ।
अवस्थी ने कहा कि दो सीमेंट उद्योगों में करीब 10,000 ट्रांसपोर्टर कार्यरत हैं, कोरोनाकाल में हुए उनके नुकसान पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया उन्हें कोई राहत नहीं पहुंचाई, अवस्थी ने सत्तापक्ष से मांग की कि उनका भी उस वर्ष का गुड्स टैक्स माफ किया जाए।

अवस्थी ने प्रदेश में सड़कों के रखरखाव पर सरकार को घेरते हुए दाड़लाघाट से भराड़ीघाट व रामशहर-दिग्गल-शिमला सड़क पर “गड्डों में सड़क” का हवाला देकर सड़कों की वर्तमान स्थिति की ओर सत्तापक्ष का ध्यान खींचा।
बागवानी को लेकर अवस्थी ने 9 लाख 9 हजार के लगभग क्लोन रूटस प्लांट आयात किए जाने को उपलब्धि करार दिए जाने को अनावश्यक बताते हुए बागवानी यूनिवर्सिटी होते हुए अपना रूट्स स्टॉक तैयार करने की क्षमता रखने के विचार ने सत्तापक्ष को झकझोर डाला।
स्किल कोर्स परिणामों में देरी पर नौंणी यूनिवर्सिटी में फ्रूट प्रोसैसिंग व बेकरी डिप्लोमा कोर्स की सितम्बर माह में ली जा चुकी परीक्षाओं का परिणाम 6 माह बाद निकालना प्रार्थियों को अनेक योजना के लाभ से वंचित किए जाने जैसा कदम बताते हुए सत्ता पक्ष से इस ओर सुधार किए जाने की बात कही।
संजय अवस्थी यहीं नहीं रुके उन्होंने आईपीएच मिनिस्टर को संबोधित करते हुए कहा कि नलों के पुराने कनेक्शन की पाइपें बदलकर केवल आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं। अवस्थी ने प्रश्न करते हुए पूछा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में उक्खु पंजल सिंचाई योजना, नेर-पवाब-करुंगनु जैसे क्षेत्रों की योजनाएं आज तक लंबित क्यों है, सरकार रोजगार मुहैया करवाने में तो असफल रही ही हैं अब सिंचाई योजनाओं के ठंडे बस्ते में जाने से लोगों से खेती का भी अधिकार छीना जा रहा है, हमें इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
अवस्थी ने आगे कहा कि भाजपा के नेता का नाम भ्रस्टाचारियों की श्रेणी में आया उसका कोई जवाबदेह नहीं, अवस्थी ने तंज करते हुए कहा कि “जिनके खुद के घर शीशे के हों वे दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं उछाला करते ।” जुमले के बाद विपक्ष के टेबल थपथपाहट से गूंज उठे।
अवस्थी यहीं नहीं रुके उन्होंने सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन पर रोक व नोटिस के कदम को भाजपा की “अंनकलीयर्ड एमरजेंसी” करार दिया ।