जयराम सरकार आंगनबाड़ी कर्मी व आईसीडीएस विरोधी : वीना शर्मा

शिमला

आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने हिमाचल प्रदेश में प्री प्राइमरी टीचर भर्ती से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के प्रदेश सरकार के निर्णय के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन किया। इस दौरान मंडी, पधर, जोगिन्द्रनगर, सरकाघाट, रैत, देहरा, पालमपुर, चंबा, हमीरपुर, ऊना, बंजार, आनी, नालागढ़, अर्की, सराहन, शिलाई, पोंटा साहिब, संगड़ाह आदि में आंगनबाड़ी कर्मियों ने सैंकड़ों की तादाद में इकट्ठा होकर जोरदार प्रदर्शन किए। यूनियन ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर उसने अपना आंगनबाड़ी कर्मी विरोधी निर्णय वापिस न लिया तो आंदोलन तेज होगा।

यूनियन की प्रदेश अध्यक्षा नीलम जसवाल व महासचिव वीना शर्मा ने प्री प्राइमरी नियुक्तियों से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के प्रदेश सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने वर्तमान प्रदेश सरकार को आंगनबाड़ी कर्मी व आईसीडीएस विरोधी करार दिया है। उन्होंने मांग की है कि सरकार अपने फैसले को वापिस ले व आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति दे। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि ये प्रशिक्षित कर्मी हैं। ये कर्मी पहले ही अर्ली चाइल्डहुड केअर एंड एजुकेशन(ईसीसीई) के तहत 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं इसलिये नई शिक्षा नीति के तहत इन्हीं प्रशिक्षित कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति दी जाए। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि पिछले दो वर्षों से प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति की बात करती रही है व अब अपनी ही राय से यू टर्न ले रही है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों को 30 प्रतिशत कोटा देने की बात की थी जिस से अब सरकार मुकर रही है।

उन्होंने कहा कि आईसीडीएस के निजीकरण की लगातार साज़िश रची जा रही है। आईसीडीएस के बजट में हर वर्ष कटौती जारी है। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों से नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,पोषण ट्रैकर ऐप व बजट कटौती आदि मुद्दों पर केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है। नई शिक्षा नीति में आइसीडीएस के निजीकरण का एजेंडा छिपा हुआ है। आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को पूर्ण कर्मी का दर्ज़ा दिया जाए व उन्हें आंगनबाड़ी कर्मियों के बराबर वेतन दिया जाए। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 व 2014 में हुए 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार नियमित कर्मी का दर्ज़ा देने की मांग की। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ग्रेच्युटी देने,तीन हज़ार रुपये पेंशन,मेडिकल व छुट्टियों आदि सुविधा देने की मांग की।