शिमला
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला के विधायक हरीश जनारथा भाजपा द्वारा किए गए कामों का प्रचार कर रहे हैं और प्रचार में वह अग्रिम भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर के लिए पिछले 20 वर्षों में तीन बड़े प्रोजेक्ट आए डॉ मनमोहन सिंह के समय पर जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिफॉर्मेशन मिशन, दूसरा अमरुत मिशन और तीसरा स्मार्ट सिटी।
दुर्भाग्यवर्ष जवाहरलाल नेहरू रिफॉर्मेशन मिशन के समय प्रदेश और नगर निगम में कांग्रेस सरकार थी, जिनके समय इस प्रोजेक्ट को लेकर एक भी पत्ता नहीं हिला केवल मात्र एक मोटी किताब छपी जिसको किसी में नहीं पड़ा, इस समय पानी की 156 करोड की स्कीम भी काम ना होने के कारण वापस चली गई। शिमला शहर को जो फल मिलने थे वह नहीं मिल पाए।
2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू थे जब शिमला को अमरुत मिशन प्राप्त हुआ जिसके अंतर्गत अनेकों नालों और ओवरहेड ब्रिज का काम हुआ।
जब शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलना था तब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा थे तो शिमला को 87 अंक प्राप्त हुए थे पर फर्जीवाड़े के कारण धर्मशाला को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया, भाजपा ने विरोध किया और केंद्र तक लड़ाई लड़ी उसके उपरांत शिमला को भी स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला।
उसके उपरांत जो अंग्रेजों के समय से शिमला शहर में कार्य नहीं हो पाए वह भाजपा के कार्यकाल में हुए । सड़कें चौड़ी हुई, पैदल फुटपाथ बने, नई लिफ्ट का निर्माण हुआ, रुड़की के इंजीनियर बुला कर डिजाइन बनाकर रिज मैदान को बल दिया गया और ढली टनल के साथ 54 करोड से एक और सुरंग का निर्माण हुआ। जब इस टनल के दोनों छोर मिले थे तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर थे।
जाखू एस्केलेटर का काम चल रहा है, संजौली फुटपाथ का कार्य चल रहा है।
भाजपा सरकार के समय विक्ट्री टनल और विधानसभा के बीच एवं कलिनी में फ्लाईओवर का टेंडर हो चुका है।
भाजपा ने लड़ाई लड़ी और स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 90:10 की रेश्यो मैं हिमाचल प्रदेश को कंसेशन प्राप्त हुआ जिसके अंतर्गत कार्य में प्रगति आई।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस के विधायक भाजपा के किए गए कामों का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं, वह गलत है। हमारा कांग्रेस के विधायक से आग्रह है कि शिमला में चले कामों में तेजी लाएं और उसमें रुकावट ना बने। काम शुरू करने मुश्किल होते हैं पर अगर रुक जाए तो शुरू नहीं हो पाते हैं।
चर्चा तो यह है कि कांग्रेस के नेता महक में हस्तक्षेप करना का कार्य कर रहे हैं, ऐसा करना ठीक नहीं है।
अगर पानी की कमी की बात करें तो कांग्रेस की सरकार में शिमला की जनता को पानी न मिलने का रिकॉर्ड बना है, भाजपा ने पानी के लिए अनेकों स्कीम बनाई है।
1990 में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने अश्वनी खड्ड, फिर गिरी परियोजना पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल और 1813 करोड़ की वर्ल्ड बैंक स्कीम नेता जयराम ठाकुर के समय दिया गया था।
सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस की अंतर्कलह पर चुटकी लेते हुए कहा की 5 गांव तो महाभारत में पांडवो ने कौरवों से मांगे थे, राजिंद्र राणा या कांग्रेस ने नेता बताए की कांग्रेस सरकार का दुर्योधन कौन है?
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