शिमला
शिक्षा और बच्चों में निखार लाने के अपने उद्देश्य में लगातार प्रयासरत कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम उस वक्त एक और उपलब्धि दर्ज हो गई जब शिमला में देश के प्रसिद्ध कवि व गीतकार इरशाद कामिल ने “फिक्शन ट्रेजर ट्रोव और हिमाचल के रंग” दो किताबों का विमोचन किया और बधाई देते हुए कीकली के प्रयासों की सराहना की । इस दौरान मुख्यथिति के तौर पर कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे शायर इरशाद कामली की उपस्थिति ने इन लम्हों को यादगार बना डाला । इस दौरान कीकली ने पॉडकास्ट चैनल, ‘कीकली – लिटिल स्टेप्स बिग स्ट्राइड्स’ का भी आगाज किया जिसमें लांच हुई किताबों की कहानियों को एक क्यूआर कोड की सहायता से सुना भी जा सकता है।
पूरे भारत में 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवा विजेता और 40 वर्ष से अधिक आयु के शिमला और हिमाचल के वरिष्ठ लेखक और प्रतिष्ठित लेखक और युवा छात्रों द्वारा लिखी गई कहानियों से लबरेज “फिक्शन ट्रेजर ट्रोव ओर हिमाचल के रंग” किताबों का छोटे बच्चों द्वारा रीडिंग और कॉलेज के छात्रों द्वारा की गई कहानियों की सुंदर और सार्थक समीक्षा की गई।। इस दौरान इरशाद ने कीकली ट्रस्ट को उनके इस प्रयास के लिए बधाई देते हुए कहा कि आसमां छूना जरूर बड़ी बात है लेकिन जड़ों से जुड़े रहना बहुत बड़ी बात है । शिमला के गेयटी थियेटर में आयोजित कार्यक्रम में इरशाद कामिल ने समारोह में उपस्थित लेखक व छात्र वर्ग को अपने संबोधन में कहा कि इस दुनियां में ऐसा कुछ नहीं है जो लिखा नहीं गया और दुनियां में ऐसा बहुत कुछ है जो अभी तक लिखा नहीं गया, इसलिए ये कहानी यहीं खत्म न होकर आगे बढ़ती रहनी चाहिए ।
इस दौरान इरशाद कामिल द्वारा उपस्थित स्कूली छात्रों और लेखकों के लिए रचनात्मक लेखन पर एक इंटरैक्टिव कार्यशाला भी लगाई गई जिसमें बच्चों और लेखकों ने इरशाद से अपने विचार साझा करते हुए इरशाद से कहानी लेखन की बारीकियों को जाना ।
इन ऐतिहासिक क्षणों में सम्मानित अतिथियों की सूची में सचिव राकेश कंवर, डॉ पंकज ललित, आरती गुप्ता, सीएस यादव, वरिष्ठ अतिरिक्त महाप्रबंधक एसजेवीएन, डॉ उषा बंदे, डॉ पूर्णिमा चौहान, प्रोफेसर और प्राचार्य मीनाक्षी फेथ पॉल, विद्यानिधि छाबड़ा, श्रीनिवास जोशी, लेखक और कवि विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
एसजेवीएनएल के वरिष्ठ अतिरिक्त महाप्रबंधक सी एस यादव ने भी समारोह में अपने संबोधन में कीकली के प्रयासों को सराहते हुए समाज के ऐसे अनछुए पहलुओं को सींचने और सहेज कर निखारने को आवश्यक करार दिया ।
इतनी कम उम्र में नवोदित लेखकों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता अद्भुत रही । विचारों की स्पष्टता, विचारों और शब्दों का अभिव्यंजक प्रवाह, और भाषा पर नियंत्रण अत्यंत सराहनीय है। 51 स्किंटिलेटिंग टेल्स – शॉर्ट स्टोरीज़ बाई चिल्ड्रन शीर्षक वाली पुस्तक की अवधारणा और अंतिम विमोचन की ओर अग्रसर कदम और साहित्यिक हलकों में इसकी सफल स्वीकृति युवा लेखकों के लिए काफी उत्साहजनक थी और इसने उन्हें गर्व की उपलब्धि की भावना से भर दिया।
अठारह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए लघु कहानी प्रतियोगिता की योजना में हजार से पांच हजार शब्द सीमा की खुली थीम दी गई थी
यह प्रतियोगिता अप्रैल से जुलाई, 2022 तक चार महीने की अवधि में आयोजित की गई और प्रत्येक महीने दो विजेताओं को कहानियों की शीर्ष 31 सूची में एक सुनिश्चित स्थान के साथ नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया । चार महीनों के विजेताओं में, अप्रैल में संस्कृति राव और पृथा डोगर; मई में शिवांगी शर्मा और अनिका गजेंद्रगढ़; जून में अनन्या ठाकुर और चारु शर्मा; इसी तरह जुलाई में बानी सिमर कौर और वसुंधरा जोशी विजेता रहीं।
इस दौरान जजों के सम्मानित पैनल में डॉ. विद्यानिधि छाबड़ा, गुंजन बत्रा, जैल प्रिसिला, प्रांतिक बोस, रचना रोहतगी, आस्था चड्ढा, परवीन भल्ला, और तनया घोष दस्तीदार- के पास लेखकों के बारे में साझा करने के लिए बहुत उत्साहजनक शब्द थे। पुस्तक डिजाइन कवर का श्रेय भी दो विजेताओं, अथर्व वत्स और पृथा डोगर को जाता है।
छोटे बच्चों ने फिक्शन ट्रेजर ट्रोव में प्रदर्शित अपनी कहानी के छोटे अंश पढ़े – मिस शिवांगी शर्मा – स्पिरिट्स ऑफ द हार्ट; पृथा डोगर – आईटी बदला लेना चाहता है; बानी सिमर कौर – गुमनामी में; रुद्र चौहान — देवदार का पेड़; वसुंधरा जोशी – द स्ट्रेंजर एंड यशिता वर्मा – प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर ट्रेन।
इस दौरान हिमाचल के रंग की समीक्षा करने वाली कॉलेज छात्राओं में श्रुति; दीप्ति सूद, राहुल देव प्रेमी और आंचल शर्मा ने कहानियों की सुंदर और प्रभावी समीक्षा पेश की।
कीकली के शब्दों में : हम अपने उत्साही समर्थकों को हमारे आयोजन के विचारों और अवधारणा को समझने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं और सूचना और जनसंपर्क विभाग, हिमाचल प्रदेश; एसजेवीएन फाउंडेशन; भाषा और संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश; नानक चंद रोशनी सूद चैरिटेबल ट्रस्ट; और मीडिया पार्टनर हिमाचल टोनाइट का आभार व्यक्त करते हैं। हालांकि सूची बहुत लंबी है, लेकिन कुछ नाम विशेष उल्लेख के पात्र हैं, सोनिया डोगरा, मनीष पुरोहित, प्रमिला नंदा, जगजीत राय नंदा, राजेश शर्मा, कुलदीप वर्मा और आहर सिंह जो हमेशा हमें बिना शर्त समर्थन देते हैं।
अंत में,
ऐसा नहीं है कि यह सब नियोजित था, लेकिन निश्चित रूप से हम एक जुनून, एक दृष्टि साझा करते हैं, जिसके साथ आगे बढ़ने में हमें खुशी होती है और जब अवसर हमारे दरवाजे पर दस्तक देते हैं।

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