शिमला
वेब पोर्टल के लिए कार्य कर रहे पत्रकार कई सालों से लगातार वेब पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे है। लेकिन इस ओर अब तक कोई भी सकारात्मक परिणाम सामने न आने व सरकार के इस संबंध में भेदभाव पूर्ण रवैये से नाराज़ पत्रकारों ने एक बार फिर वेब मीडिया पॉलिसी बनाने की चली आ रही मांग को सरकार के समक्ष उठाया है। ताकि पत्रकारिता के गिरते स्तर को बचाया जा सके।
इसी कढ़ी में वेब पोर्टल जर्नलिस्ट्स का एक प्रतिनिधिमंडल आज शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला और मुख्यमंत्री से प्रदेश में वेब पोर्टल पॉलिसी बनाए जाने की मांग रखी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विषय पर सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश में जल्द ही वेब मीडिया पॉलिसी लाई जाएगी। उन्होंने लोक संपर्क विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में जल्द उचित कार्यवाही करें और अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी पॉलिसी बनाने की ओर ठोस कदम उठाएं ।
आइए जाने आखिर क्या है मामला ?
ऐसा नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में कार्यरत वेब मीडिया पत्रकार पहली मर्तबा मुख्यमंत्री से मिलने गए हों सरकार बनने के ठीक 6 महीने बाद 5 जून 2018 को भी मुख्यमंत्री के समक्ष पॉलिसी बनाने के बावत ज्ञापन सौंपा गया था। जिस पर निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग को तुरंत बैठक करने के आदेश दिए गए थे और आश्वासन दिया कि दीवाली तक पॉलिसी को मूर्त रूप दे दिया जाएगा। इसके दो सप्ताह बाद निदेशालय के अधिकारियों और वेब न्यूज़ पोर्टल के एडिटर्स के साथ बैठक कर पॉलिसी ड्राफ्ट तैयार किया गया और आला अधिकारियों को भेजा गया लेकिन उसके बाद उस ड्राफ्ट का क्या हुआ इस संबंध में किसी के पास कोई उत्तर नहीं है। इसके बाद दीवाली के समीप फिर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया फिर आश्वासन मिला। 2019 में तीसरी बार ज्ञापन सौंपा गया लेकिन इस बार भी कोरे आश्वासनों के सिवाय वेब पत्रकारों के हाथ कुछ न आया । जानकारी के अनुसार 2020 में फिर पॉलिसी बनाने हेतु प्रक्रिया शुरू की गई। आलाधिकारियों ने सैद्धान्तिक मंजूरी दी और वित्त विभाग से भी ड्राफ्ट को अप्रूव कर दिया गया। फिर न जाने क्यों सरकार ने फिर हाथ पीछे खींच लिए और पॉलिसी को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जयराम सरकार में ही विभाग की इस लचर व्यवस्था से प्रदेश में काम कर रहे वेब मीडिया पत्रकार ख़ासे निराश हैं और आज मंगलवार को चौथी बार फिर इस उम्मीद से की स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री मीडिया के बदलते स्वरूप में वेब मीडिया पॉलिसी को शीघ्र बनाकर वोकल फ़ॉर लोकल थीम के तहत कई वर्षों से काम कर रहे युवा और वरिष्ठ पत्रकारों को उनका हक दिलाएंगे और लोकतंत्र के इस आधुनिक स्तंभ को और मजबूत करेंगे। यूं भले ही इस सरकार में चार बार ज्ञापन सौंप दिया गया हो पूर्व की वीरभद्र सरकार में भी 2013 से लेकर 2017 तक लंबी लड़ाई लड़ी गई तब भी सबकुछ बेनतीजा रहा था । ऐसे में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की ये लड़ाई जारी है और स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस ओर प्रत्यक्ष कदम उठाते हुए वेब पोर्टल पालिसी बनाए जाने की उम्मीद करते हैं ।

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