शिमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह प्रदेश में पहली बार है जब हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं।
जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले तो हिमाचल प्रदेश में डी नोटिफिकेशन एक्सप्रेस निकाली जिसमें 1952 में सुंदरनगर की एक पोस्ट भी बंद कर दी गई, यह केवल सरकार का बंद करने का जुनून था और कुछ नही।
हमारे प्रदेश में सब कुछ बंद हुआ इंडस्ट्री बंद हुई फिर सीमेंट प्लांट बंद हो गए , पर सीमेंट के मुद्दे को सुलझाने की हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोई कोशिश नहीं की। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार को एक कमेटी का गठन भी करना चाहिए और सीमेंट कंपनी वालो से लगातार बातचीत भी करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसा लगता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार को किसी भी समस्या का समाधान निकालने का निश्चय नही है।
कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल में जिस तरह से मन्त्री बनाए गए हैं। वह हिमाचल के क्षेत्रीय संतुलन को बिगाड़ता है। जयराम ने कहा कि
मंडी और बिलासपुर जिले से ना तो कांग्रेस ने मंत्री बनाए और ना ही सीपीएस।
जयराम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने आनन-फानन में मंत्रिमंडल का गठन किया और यह गठन संसदीय क्षेत्र और जातीय दृष्टि से असंतुलित है।
उन्होंने कहा कि सीपीएस और मंत्रियों की दृष्टि से कांगड़ा को पूरी तरह से दर किनार किया गया है। 6 सीपीएस सरकार ने क्यूं बनाए और इनकी क्या जरूरत आन पड़ी है हम समझ नही आ रहा है।
सीपीएस बनाने से हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ा है क्योंकि उनको एक प्रोटोकॉल भी देना पड़ेगा , अनेकों दफ्तर और मंत्री के दर्जे की सुविधाएं भी देनी पड़ेगी। मैं आपका ध्यान आसाम, मणिपुर और दिल्ली सरकार की ओर ले जाना चाहता हूं जहां सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने सीपीएस के विरोध में फैसला सुनाया था और आर्टिकल 164 / 1ए के आधार पर साफ लिखा है कि सीपीएस की नियुक्ति गलत है और जिस प्रकार से एक निर्धारित संख्या मंत्रियों के लिए आधारित की गई है, उसकी स्पिरिट को हानि पहुंचाता है।
हमने जब अपनी सरकार 5 साल के लिए चलाई तो हमने एक भी सीपीएस नहीं बनाया यह हमने नैतिकता की दृष्टि से निर्णय लिया था।
हमें तो लगता है कि मंत्री और सीपीएस की नियुक्ति केवल कांग्रेस ने अपनी सरकार को बचाने के लिए की है, प्रदेश हित की कांग्रेस पार्टी को कोई चिंता नहीं है।
नवंबर 2021 में जब हिमाचल प्रदेश मे भाजपा की सरकार विराजमान थी तो पेट्रोल के 12 रुपए और डीजल में 17 रुपया की राहत जनता को प्रदान की गई थी , इसमें वैट की दरों को 7.50 से 8% तक घटाया गया था।
पर आज कांग्रेस पार्टी ने सत्ता संभालते ही डीजल में वैट बढ़कर इसे 3.01 रुपए महंगा कर दिया है। अब हिमाचल में डीजल 86 रुपए से ऊपर मिलेगा।
इससे आम जनता पर मंहगाई का बोझ बड़ेगा।
इस काम के लिए कांग्रेस का धन्यवाद।

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