अर्की/दाड़लाघाट
कोरोना के बाद ओमिक्रोन की दस्तक के बीच बसों में ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसने की तमाम सरकारी कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं। ओवरलोडिंग से सवारियों को जहां अनेकों दुष्वारियों से दो चार होना पड़ता है तो वहीं कभी कभी सवारियों की जान पर भी बन आती है।
ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को तब सामने आया जब हिमाचल पथ परिवहन निगम की वाया पारनू होकर चलने वाली बुघार-शिमला बस में ओवरलोडिंग के चलते स्कूली छात्रा के दम घुटने की स्थिति पैदा हो गई। ठूंस-ठूंस कर भरी बस में छात्रा को सांस की समस्या हो गई। छात्रा को चक्कर आने के कारण तत्काल अस्पताल ले जाना पड़ा।
कंसवाला हाई स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली दिव्या ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि बस में इतनी ज्यादा भीड़ थी कि उसे सांस आने में तकलीफ होने लगी थी, उसका दम घुटने लगा था चक्कर आने के बाद वह अचानक गिर पड़ी।
उधर दिव्या के पिता रूपलाल ठाकुर ने कहा कि बच्चों को ओवरलोडिंग के चलते अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।इलाके में पहले भी ऐसी अनेकों घटनाएं हो चुकी हैं। रूपलाल ने कहा कि बसों में ओवरलोडिंग पूरी तरह से बंद होनी चाहिए। उन्होंने चेताया कि भविष्य में इस तरह की घटना के लिए HRTC प्रबंधन व चालक-परिचालक जिम्मेवार होंगे। रूपलाल ठाकुर ने हिमाचल पथ परिवहन निगम और सरकार से पारनू रुट पर स्कूली बच्चों के लिए अलग से बस चलाए जाने की गुहार लगाई है ।
ओवरलोडिंग के चलते बस में घुटा छात्रा का दम, जाना था स्कूल पहुंची अस्पताल…बुघार-पारनू-शिमला बस में पेश आया मामला

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